अडानी गोड्डा


अडानी गोड्डा पॉवर प्लांट ने बढ़ाया भारत का मान

भारतीय परंपरा ने हमेशा से हमें अपने पड़ोसी देशों की मदद करना सिखाया है। देश के इस कल्चर को आगे बढ़ाते हुए अब अडानी ग्रुप भी अपने अडानी गोड्डा पॉवर प्लांट द्वारा बांग्लादेश को सहयोग दे रहा है। भारत और बांग्लादेश के बीच हुए पर परचेस एग्रीमेंट के तहत अब अडानी ग्रुप द्वारा बनाई जाने वाली बिजली बांग्लादेश को सप्लाई की जा रही है। झारखंड राज्य के गोड्डा जिले में बने अडानी गोड्डा थर्मल प्लांट से करीब 1000 मेगा वाट से अधिक बिजली बांग्लादेश को दी जा रही है।

अडानी गोड्डा को क्यों कहा जा रहा है सुपर पॉवर प्लांट?

अडानी ग्रुप आज देश के सात राज्यों में थर्मल पॉवर जनरेशन प्लांट संचालित कर रहा है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, छत्तीसगढ़ और झारखंड में बने सभी पॉवर प्लांट में से झारखंड का यह अडानी गोड्डा पॉवर प्लांट सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ डेवलप किया गया है, जिस कारण इसे अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट (युएससीटीपीपी) के नाम से एक अलग पहचान मिली है।
बिजली जैसे महत्वपूर्ण संसाधन के निर्माण के लिए बांग्लादेश में उचित प्रबंध न होने के कारण बिजली आयात करना आवश्यक है। बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) और अडानी ग्रुप के बीच हुए पाॅवर परचेस एग्रीमेंट (पीपीए) के बाद इस बिजली आपूर्ति के लिए अडानी ग्रुप पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 16 हज़ार करोड़ रुपयों की बड़ी राशि से इंटरनेशनल फैसिलिटी के साथ अडानी गोड्डा प्लांट लगभग 700 एकड़ के क्षेत्र में बनाया गया है। अडानी गोड्डा प्लांट के अंतर्गत 800 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट विकसित की गई है। इन दोनों ही यूनिट से 1600 मेगा वाट की पर्याप्त मात्रा में बिजली का उत्पादन होगा जिससे हम बांग्लादेश को उसकी ज़रूरत के हिसाब से आवश्यक संसाधन दे पाएंगे। यहाँ बनने वाली कुल बिजली का एक चौथाई भाग झारखंड सरकार को राज्य में उपयोग करने के लिए दिया जाएगा और बाकि तीन चौथाई हिस्सा बांग्लादेश को दिया जाएगा।

अडानी गोड्डा प्लांट में बिजली उत्पादन में अत्याधुनिक फ्लू गैस डी-सुल्फ्युराइज़र(एफजीडी) एवं सेलेक्टिव कैटेलिटिक रीकन्वर्टर (एससीआर) टेक्नालॉजी जैसी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य प्लांट से निकलने वाले इमिशन से पर्यावरण को बचाया जा सके और पॉल्यूशन को कम किया जा सके।
पर्यावरण संरक्षण को महत्व देते हुए अडानी ग्रुप द्वारा सबसे उन्नत तकनीक द्वारा तैयार किया गया अडानी गोड्डा सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट आज के समय में हो रहे औद्योगिक विकास में एक श्रेष्ठ उदाहरण है। आज हमें देश में डेवलपमेंट के साथ ही एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन की भी कड़ी आवश्यकता है। प्रकृति को सहेज कर रखना आने वाली पीढ़ी के लिए हमारी सबसे बड़ी सौगात होगी जहाँ उन्हें शुद्ध वातावरण मिल सके। अडानी गोड्डा प्लांट विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक बेहतर तालमेल का उदाहरण है जो आज हमारे देश को प्रगतिशील बनाए रखने का एक मात्र रास्ता है। यह सोच इस बात को दर्शाती है कि अडानी ग्रुप राष्ट्र में मौजूद संसाधनों के संरक्षण के लिए भी सतर्क है।

बांग्लादेश तक पॉवर ट्रांसमिशन भी करेगा अडानी ग्रुप

झारखंड में बिजली उत्पादन करने के अलावा अडानी ग्रुप उसे बांग्लादेश तक सप्लाई करने का भी काम करेगा। अडानी गोड्डा पॉवर प्लांट से पश्चिम बंगाल तक पॉवर ट्रांसमिशन के लिए अडानी ग्रुप द्वारा करीब 100 किलो मीटर की ट्रांसमिशन लाइन का उपयोग किया जाएगा, जिसके बाद से बांग्लादेश तक पॉवर रिसीव करने की जिम्मेदारी बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड की होगी।
इस प्रकार आपसी समझ और साझेदारी से भारत बांग्लादेश के संबंध को और मज़बूती मिलेगी। साथ ही अन्य देशों के लिए भी यह कदम एक मिसाल की तरह होगा।

बांग्लादेश में विकास को मिलेगी नई पॉवर

अडानी ग्रुप और बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड के बीच हुए इस पावर एग्रीमेंट के अंदर आने वाले 25 साल तक बांग्लादेश को पॉवर सप्लाई की जाएगी जिससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को एक नई रफ़्तार और शक्ति मिलेगी।
आम नागरिकों की आवश्यकता को पूरा करने के अलावा वहाँ के इंडस्ट्रियल सेक्टर को इस अडानी गोड्डा प्लांट से मिलने वाली बिजली से बड़ा लाभ होगा। बांग्लादेश को संसाधनों के आभाव के कारण इलेक्ट्रिसिटी इम्पोर्ट की ज़रूरत हमेशा होती है और उसी से वहाँ की अर्थव्यवस्था को सुचारु ढंग से सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। अपने पड़ोसी देश को आगे बढ़ने के लिए आवश्यक साधन उपलब्ध करवाने में अडानी ग्रुप ने जिस तरह से भारत का समर्थन किया है उससे वर्ल्ड वाइड देश को प्रशंसा मिलेगी और देश का मान सम्मान बढ़ेगा।

अडानी ग्रुप का हर प्रोजेक्ट राष्ट्र हित के लिए होता है। अपने से पहले अडानी ग्रुप ने देश को प्राथमिकता दी है और अडानी गोड्डा प्लांट भी उसी का प्रतीक है। अडानी गोड्डा प्लांट से बांग्लादेश को मिलने वाली बिजली से जो उन्नति वहाँ होगी उसमें भारत की अहम भूमिका होगी जिसके लिए अडानी ग्रुप को ज़रूर याद किया जाएगा। भारत के साथ अडानी ग्रुप की भी यही सोच है कि सबको साथ लेकर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा जाए और विश्व स्तर पर एक बेहतर और विकसित सोसाइटी का निर्माण किया जाए और पूरा विश्व मिल जुल कर रहे।



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